PAN Card - Get PAN Card Complete Information (हिंदी में)
पैन कार्ड भारत के नागरिकों के लिए बेहद ही अहम दस्तावेज है, इसकी जरुरत आजकल भारत के हर नागरिक को पड़ती है, इसकी मदद से भारत का कोई भी व्यक्ति अपनी पहचान भी साबित कर सकता है, हालांकि इसकी मुख्य जरूरत वित्तीय लेनदेन के समय पड़ती है। PAN कार्ड का अर्थ परमानेंट अकाउंट नंबर होता है, इस अकाउंट नंबर से आपके सारे बैंक अकाउंट नंबर जुड़े होते हैं।
वर्तमान समय में अगर आपके पास पैन कार्ड नहीं है तो आप सामान्य वित्तीय लेनदेन की जरूरतों को भी पूरा नहीं कर सकते हैं, क्योंकि भारत सरकार ने अब हर व्यक्ति के लिए पैन कार्ड को जरूरी कर दिया है। ऐसे में इस पेज पर आपको पैन कार्ड से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियों को प्रदान किया जाएगा।
PAN Card का संक्षिप्त विवरण
लेख का नाम | पैन कार्ड का विवरण |
लागू किया गया | 1976 में |
जारीकर्ता | आयकर विभाग भारत सरकार |
उद्देश्य | वित्तीय लेनदेन को ट्रैक करना, टैक्स प्रणाली को आसान बनाना |
आवेदन की प्रक्रिया | ऑनलाइन |
आधिकारिक वेबसाइट | https://www.pan.utiitsl.com/ |
PAN Card का इतिहास
पैन कार्ड का विचार भारत सरकार द्वारा साल 1972 में पेश किया गया, और इसे इनकम टैक्स 1971 के सेक्शन A के तहत वैधानिक रूप से सहमति दे दी गई, इसके बाद साल 1976 में इसे हर एक टैक्सपेयर्स के लिए जरूरी कर दिया गया था।
इससे पहले सभी करदाताओं के लिए एक GIR नंबर जारी किया जाता था, यह प्रणाली ऑटमैटिक ना होकर मैन्युअल थी, हालांकि इसमें गलत गणनाओं का जोखिम था, लेकिन पैन कार्ड के आने के बाद सारी चीजें आटोमैटिक हो गई और करदाताओं के लिए चीजें आसान हो गईं।
PAN Card का फॉर्मेट
PAN Card पर निम्नलिखित चीजें अंकित होती हैं-
- कार्डधारक का पूरा नाम
- कार्डधारक के पिता का नाम
- पैन नंबर अंक
- स्थायी खाता नंबर होता है
- कार्डधारक का हस्ताक्षर
- जन्म तिथि
- कार्डधारक की एक तस्वीर
- आयकर विभाग के टैग के साथ भारत सरकार का होलोग्राम
PAN Card पर मौजूद डिटेल्स की जानकारी
हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग पैन कार्ड जारी किया जाता है, और हर पैन कार्ड नंबर धारक व्यक्ति की कुछ सूचना होती है, नीचे हम पैन कार्ड पर मौजूद डिटेल्स की जानकारी देने वाले हैं-
- कार्डधारक का नाम / कंपनी का नाम
- कार्डधारक के पिता का नाम — केवल व्यक्तिगत कार्डधारकों के लिए
- जन्म तिथि
- पैन नंबर – यह एक दस-अक्षरों का अल्फा-न्यूमेरिक नंबर होता है, जिसमें प्रत्येक अक्षर कार्डधारक के बारे में अनोखी जानकारी प्रदान करता है।
- पैनकार्ड के पहले तीन अक्षर A से Z तक के बीच के होते हैं, यह एक रैंडम नंबर होता है।
इसके अलावा चौथा अक्षर करदाता की श्रेणी को दर्शाता है जिसमें:
- A - व्यक्तियों का एक समूह
- B – इंडिविजुअल बॉडी
- C – कंपनी
- F – फर्म
- G – सरकार
- H – हिंदू अविभाजित परिवार
- L – स्थानीय प्राधिकरण
- J – न्यायिक व्यक्ति
- P – व्यक्तिगत (Personal)
- T – एक ट्रस्ट के लिए व्यक्तियों का संघ
इसके बाद पांचवां अक्षर व्यक्ति के सरनेम का प्रारंभिक अक्षर होता है। पैन कार्ड पहले 4 अल्फाबेटिकल होता है और उसके बाद अंक होते हैं, तथा अंक में एक अल्फाबेट होता है। इसके अलावा पैन कार्ड पर व्यक्ति का हस्ताक्षर और फोटोग्राफ भी पैनकार्ड पर मौजूद होता है।
PAN Card के उपयोग
PAN Card के उपयोग निम्नलिखित हैं-
- डायरेक्ट टैक्स जमा करते समय पैन कार्ड की जानकारी देना बेहद ही आवश्यक है।
- किसी भी व्यवसाय को शुरू करने के लिए पैन कार्ड की जानकारी देनी पड़ती है।
- इसके अलावा कई वित्तीय कार्यों के लिए PAN की जानकारी आवश्यक है।
- इसके अलावा अगर आप कोई भी वाहन खरीदते हैं, और बेचते हैं, या किसी होटल या रेस्तरां में 25,000 का बिल बनवाते हैं।
- इसके अलावा बैंक में 50,000 से ज्यादा जमा करने के समय आपको बैंक में अपनी पैन डिटेल्स देनी पड़ेगी।
संक्षिप्त में अगर कहें तो, वित्त से जुड़े सभी कार्यों के लिए आपको कहीं, ना कहीं अब पैन कार्ड इस्तेमाल होने लगा है, इसके अलावा PAN Card का इस्तेमाल कई जगहों पर आप अपनी पहचान के तौर पर सकते हैं।
PAN Card के लिए पात्रता
वर्तमान समय में देखें तो वैसे अब हर व्यक्ति के लिए पैन कार्ड जरूरी है। भारत में कोई व्यक्ति अगर पैन कार्ड प्राप्त करना चाहता है, तो उसके लिए निम्नलिखित पात्रता होनी चाहिए-
- पैन कार्ड आवेदन के लिए किसी भी प्रकार की न्यूनतम आयु सीमा नहीं रखी गई।
- पैन कार्ड कोई भी इंडिविजुअल व्यक्ति बनवा सकता है, इसके अलावा छोटे बच्चे भी पैन कार्ड बनवा सकते हैं, लेकिन उसके लिए माता-पिता का सिग्नेचर चाहिए।
- इसके अलावा कोई लिमिटेड कंपनी, लोकल अथॉरिटी, ट्रस्ट, या फर्म भी अपने नाम से पैन कार्ड जारी करवा सकती है।
पैन कार्ड के लिए जरूरी दस्तावेज
अगर कोई भी भारत का नागरिक पैन कार्ड के लिए आवेदन करना चाहता है, तो उसके लिए कुछ जरूरी दस्तावेज उसके पास होने चाहिए, जो निम्नलिखित हैं-
- पते का प्रूफ
- पहचान प्रमाणपत्र
इसके लिए कोई भी उम्मीदवार अपना आधार कार्ड प्रस्तुत कर सकता है, आवेदन करने के कुछ दिनों बाद आपका पैन कार्ड आपके पते पर भेज दिया जाएगा। इसके अलावा आपका ई-पैन कार्ड आपके ईमेल आईडी पर पहले ही भेज दिया जाएगा।
पैन कार्ड के फायदें
वर्तमान समय में अगर आपके पास पैनकार्ड है तो आप निम्नलिखित सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं-
- बैंक अकाउंट खोलने या बैंकिंग के अन्य कामों के लिए
- किसी भी महंगे सामान की खरीद फरोख्त करने के लिए
- विदेशों में यात्रा के लिए
- Demat अकाउंट खोलने के लिए
- पहचान पत्र के रूप में
- इनकम टैक्स रिफंड प्राप्त करने के लिए
- कोई व्यवसाय शुरू करने के लिए
- इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग, आदि।
PAN Card FAQs
PAN कार्ड जिसे परमानेंट अकाउंट नंबर भी कहा जाता है, यह 10 अंको वाला एक कार्ड है, जिसे अमूमन उसके लिए जारी किया जाता है, जो टैक्स अदा करने की श्रेणी में आता है, इसके अलावा इसकी मदद से वित्तीय लेनदेन और व्यवसाय से जुड़े अन्य कार्यों में सुगमता आती है.
पैन कार्ड पर कुल 10 नंबर होते हैं, यह एक प्लास्टिक का कार्ड होता है जिसे PAN Card कहा जाता है, उसपर 10 अंक छपे होते हैं. हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग पैन कार्ड नंबर जारी किया जाता है.
PAN Card को साल 1976 में हर एक टैक्सपेयर्स के लिए जरुरी कर दिया गया था.
पैन कार्ड को बनवाने के लिए अमूमन पता प्रूफ और पहचान की जरुरत पड़ती है, जो किसी भी व्यक्ति के आधार कार्ड पर अंकित होती है. इसके अलावा व्यक्ति को उसका मोबाइल नंबर और इमेल आईडी भी पैन कार्ड रजिस्ट्रेशन के समय देना पड़ता है.